
पुलिस से कहासुनी के बाद किसानों ने टोल फ्री कराया, सरकार को लाखों का चूना
जनक्रांति ब्यूरो । बहादराबाद टोल प्लाजा पर किसानों के चार दिन तक चले धरने से सरकार को लगभग 50 लाख रुपये के राजस्व का नुकसान उठाना पड़ा। मामला 21 अगस्त से शुरू हुआ, जब भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के कार्यकर्ता स्मार्ट मीटर के विरोध में ट्रैक्टर-ट्रालियों के साथ ऊर्जा भवन, देहरादून की ओर रवाना हुए थे। रास्ते में पुलिस ने उन्हें बहादराबाद टोल प्लाजा पर रोक लिया।
पुलिस और किसानों के बीच इसी दौरान तीखी नोकझोंक हो गई। बताया जाता है कि थानाध्यक्ष नरेश राठौड़ और किसानों के बीच कहासुनी बढ़ गई। किसानों ने थानाध्यक्ष पर अभद्रता का आरोप लगाते हुए मौके पर ही अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया।
धरने पर बैठते ही किसानों ने टोल फ्री करा दिया। इसके चलते चार दिन तक यहां से गुजरने वाले सभी छोटे-बड़े वाहनों से कोई टोल शुल्क नहीं लिया गया। इससे टोल कंपनी और सरकार को लगभग 50 लाख रुपये का सीधा नुकसान हुआ।
आखिरकार 25 अगस्त को मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप के बाद किसानों ने धरना समाप्त किया। तब जाकर टोल प्लाजा पर सामान्य व्यवस्था बहाल हो सकी।
टोल प्लाजा कंपनी इन्द्रदीप इंफ्रा इंडिया लिमिटेड के मैनेजर सुशील राठौर ने बताया कि 4 दिन टोल प्लाजा पूरी तरह खुला रहा है। कोई टोल नहीं लिया गया।जिस कारण कंपनी को लगभग 50 लाख का नुकसान हुआ है।
एनएचआई के परियोजना निदेशक प्रदीप घुसाई ने बताया किसान आंदोलन के दौरान टोल प्लाजा खुला रहा है। जिस कारण वाहनों का आवागमन फ्री रहा। वास्तव में कंपनी को 50 लाख नुकसान हुआ होगा।

